सेकर बाज़ और फाल्कनरी (बाज़ को शिकार सिखाने की कला)

कई शताब्दियों से सेकर (चरग) बाज़ों को फाल्कनरी या बाज़दारी (शिकार की कला) सिखाने के लिए चिरस्थायी तरीके से पकड़ा गया है, आमतौर पर उनके प्रवास के समय के दौरान। ज़्यादातर बाज़ शिकार के मौसम के बाद छोड़ दिए जाते हैं ।

सेकर बाज़ों का संरक्षण

1990 से सेकर (चरग) बाजों की आबादी में गिरावट आई है। इसके कई कारण हैं जैसे की विद्युतीकरण, विषाक्तता, जाल में अत्यधिक फंसना और साथ ही साथ भूमि उपयोग में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होना। सेकर (चरग) बाज़ों के लिए एक वैश्विक कार्य योजना का मसौदा तैयार करने के लिए 'प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन' द्वारा एक 'सेकर (चरग) फाल्कन टास्क फोर्स' की स्थापना की गई थी। यह नेटवर्क सेकर (चरग) जीएपी की एक कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य स्थायी उपयोग के माध्यम से सेकर (चरग) बाज़ों का संरक्षण करना है।

 

सेकर (चरग) जीएपी के लिए 'सस्टेनेबल यूज़ एंड लाइवलीहुड्स' के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने रिपोर्ट लिखी है, जिसमे साऊदी अरब और अन्य जगहों से बाज़ों को प्रशिक्षित करने वाले विशेषज्ञ शामिल हैं। इस रिपोर्ट में हंगरी, कजाकिस्तान और अन्य जगहों की जानकारी का इस्तेमाल करके, यह अनुमान लगाया गया है कि अगर बालिग पक्षियों का उनके प्रजनन छेत्रों में शिकार नहीं किया जाये, तो यूरोपीय और एशियाई साकेर बाज़ों की 80 जोड़ों से अधिक आबादी, फाल्कनरी के लिए स्थायी तरीके से उपयोग की जा सकती है। लेकिन सेकर (चरग) बाज़ों को उनके घोसले छेत्रों में प्रवास के दौरान फसाना, उनकी आबादी के आकार का अनुमान लगाने के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। इसलिए इस रिपोर्ट में फाल्कनर्स, बाज़ों को फसाने वाले लोग और बाज़ अस्पतालों के लिए एक पोर्टल की सिफारिश की गई है। इससे उन्हें उपयोगी ज्ञान का आदान-प्रदान करने में मदद मिलेगी, जैसे की प्रजनन क्षेत्रों में चिड़ियों को चिह्नित करने के लिए प्रायोजन, प्रतियोगताओं द्वारा आबादियों पर निगरानी रखने की मदद और फसे हुए सेकर (चरग) बाज़ों को स्वस्थ रखने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास को बढ़ावा देना।

फाल्कनरी और शिकारी पक्षियों के संरक्षण का अंतरराष्ट्रीय संगठन

फाल्कनरी और शिकारी पक्षियों के संरक्षण के अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईएएफ) में लगभग सभी देशों के सदस्य हैं जहाँ फल्कनरी के अभ्यास किया जाता है, उन देशों के सहित जहाँ जंगली सेकर बाज़ पाए जाते हैं। आईएएफ ने फाल्कनरी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पहचाने जाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ काम किया है।

 

आईएएफ अब 'प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन' के साथ शामिल हो कर आपको निम्नलिखित विषयों के बारे में और जानकारी देता है:

 
 
 

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